जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए जा रहे आक्रामक अभियानों ने इस वर्ष महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। सरकारी आंकड़ों और न...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए जा रहे आक्रामक अभियानों ने इस वर्ष महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। सरकारी आंकड़ों और नक्सलियों के स्वयं स्वीकारे गए बयानों के अनुसार, देशभर में मारे गए 253 नक्सलियों में से 226 अकेले बस्तर क्षेत्र में मारे गए हैं। नक्सली संगठनों ने स्वीकार किया है कि पुलिस के तेज और सटीक अभियानों के चलते उनका प्रभाव काफी कमजोर हुआ है।
• नक्सलियों का खुद का कबूलनामा :
पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के स्थापना दिवस पर जारी एक बयान में नक्सलियों ने दावा किया कि बीते एक वर्ष में 254 नक्सली मारे गए, जिनमें से 226 नक्सली छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र के थे। इनमें 109 पुरुष और 81 महिलाएं शामिल थीं। इसके साथ ही उन्होंने 64 आम ग्रामीणों के मारे जाने का आरोप भी लगाया।
• बस्तर में डबल इंजन सरकार की रणनीति सफल :
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के लक्ष्य के तहत सुरक्षा बलों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आक्रामक अभियान चलाए। बस्तर में कई नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए, जिससे नक्सलियों का प्रभाव तेजी से कम हुआ है।
• ग्रामीणों का समर्थन बढ़ा :
सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति और विकास कार्यों के कारण ग्रामीण अब पुलिस और सरकार का समर्थन कर रहे हैं। नक्सली संगठनों को अपनी रणनीतियों और क्षेत्रों में लगातार पीछे हटना पड़ा है।
आईजी ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उनका कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास और समाज में नई शुरुआत का मौका दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ यह निर्णायक अभियान न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
Published By Gaurav
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