जगदलपुर: जनअधिकार सामाजिक कल्याण संघ, बस्तर संभाग ने निजी स्कूलों और नर्सिंग कॉलेजों में वसूली जा रही मनमानी फीस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ...
जगदलपुर: जनअधिकार सामाजिक कल्याण संघ, बस्तर संभाग ने निजी स्कूलों और नर्सिंग कॉलेजों में वसूली जा रही मनमानी फीस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे नियंत्रित करने की मांग की है। इस संबंध में संघ के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रिका सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने बस्तर संभाग के आयुक्त को ज्ञापन सौंपा।
संघ ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि इससे पूर्व भी यह मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष तथा मुख्य सचिव को सौंपी गई थी। साथ ही, उच्च न्यायालय बिलासपुर ने भी निजी स्कूलों की फीस वसूली पर चिंता जताते हुए राज्य शासन को फीस निर्धारण संबंधी ठोस कदम उठाने की सलाह दी है।
प्रदेश अध्यक्ष श्री चन्द्रिका सिंह ने कहा कि “मध्यमवर्गीय व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपने बच्चों के भविष्य के लिए निजी स्कूलों की ऊँची फीस को बड़ी पीड़ा के साथ सहने पर मजबूर हैं। ऐसे परिवारों पर यह बोझ अन्यायपूर्ण है।”
ज्ञापन में मांग की गई है कि जिलों में कलेक्टर स्तर पर फीस निर्धारण की व्यवस्था की जाए और यदि इसके लिए कोई समिति गठित की जाती है तो उसमें दो पालक प्रतिनिधियों तथा जनअधिकार सामाजिक कल्याण संघ के एक सदस्य को भी शामिल किया जाए।
संघ ने यह भी कहा कि निजी स्कूलों और नर्सिंग कॉलेजों का स्वागत है, किंतु उनसे अपेक्षा है कि वे न्यूनतम फीस निर्धारित करें ताकि सभी वर्गों के विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। साथ ही, खेलकूद की सुविधाएं सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया, क्योंकि इनके अभाव में बच्चों के स्वास्थ्य और सर्वांगीण विकास पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
इस संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश महासचिव विपिन तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष रवि तिवारी एवं संभागीय अध्यक्ष शंकर लाल श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से जानकारी दी। उन्होंने आयुक्त, बस्तर संभाग को ज्ञापन पर त्वरित कार्यवाही के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।




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