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बाढ़ त्रासदी में जीवन की उम्मीद बने संत रामपाल जी महाराज – मांदर गांव में राहत की नई किरण

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◆मांदर में बाढ़ का कहर, संत रामपाल जी महाराज की मुहिम बनी सहारा जगदलपुर :- ज़िला बस्तर की लोहंडीगुड़ा के ग्राम मांदर में आई भीषण बाढ़ ने जन...

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◆मांदर में बाढ़ का कहर, संत रामपाल जी महाराज की मुहिम बनी सहारा



जगदलपुर :- ज़िला बस्तर की लोहंडीगुड़ा के ग्राम मांदर में आई भीषण बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्तव्यस्त कर दिया है। भारी बारिश और उफनती धारा से कई घर बह गए, कुछ मलबे में बदल गए और बचे हुए घर भी अब रहने योग्य नहीं रह गए हैं। गाँव के लोग खुले आसमान तले दिन गुजारने को मजबूर हैं। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति सबसे अधिक दयनीय है। भोजन, कपड़े और आश्रय की भारी किल्लत से पूरे गांव में हाहाकार मचा हुआ है



ऐसे कठिन समय में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके शिष्यों ने गांव मंदार में राहत मुहिम चलाई। इस मुहिम के अंतर्गत उनके शिष्य घर-घर जाकर जरूरतमंदों तक पहुँचे और उन्हें जीवनयापन के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की। इसमें राशन, कपड़े, बर्तन, चटाई और तिरपाल (ट्रिपल) सहित दैनिक उपयोग की चीजें शामिल रहीं। सिर्फ़ सामग्री ही नहीं, बल्कि हर पीड़ित को सम्मान और उम्मीद भी दी गई। स्वयंसेवकों का कहना था कि संत रामपाल जी महाराज ने हमेशा यही शिक्षा दी है—“मानव सेवा ही सच्ची सेवा है जो नि:स्वार्थ भाव से की जाए।”

राहत पाकर पीड़ित ग्रामीणों की आँखें भर आईं। एक बुजुर्ग ने कहा, “जब सब कुछ उजड़ गया, तब यह राहत हमारे लिए जीने की उम्मीद बनी।” वहीं एक महिला ने बताया, “बच्चों को तीन दिन से भरपेट भोजन नहीं मिला था, आज जब खाना मिला तो उनकी मुस्कान लौटी।”

इस सेवा कार्य में बस्तर अंचल और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सर्वसंगत आगे आए और तन-मन-धन से सहयोग किया। उन्होंने राहत सामग्री का निष्पक्ष वितरण कर यह सुनिश्चित किया कि कोई भी परिवार वंचित न रह जाए। हालाँकि राहत सामग्री ने तत्काल सहारा दिया है, लेकिन अभी भी गाँव को सुरक्षित आवास, साफ पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की अत्यंत आवश्यकता है।

गाँव मंदार में यह मुहिम केवल राहत सामग्री का वितरण नहीं, बल्कि मानवता, संवेदना और जीवन की नई उम्मीद है। आज गाँव के लोग एक स्वर में कह रहे हैं—“संत रामपाल जी महाराज की कृपा से हम अकेले नहीं हैं।”

इस सेवा कार्य में बस्तर अंचल के आसपास के सभी क्षेत्रों से आए सर्वसंगत ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। हर शिष्य ने तन, मन और धन से सहयोग कर मानवता का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया। जिसमें उपस्थित सेवादार - राज्य संयोजक दुष्यंत दास, सनत दास, जनक दास संभागीय संयोजक- गनपत दास, जगदीश दास, जिला संयोजक - जयपाल दास, दिनेश दास , ब्लाक संयोजक- पिलूदास, नारायण दास, गरूड़ दास, सहादेव दास एवं अन्य भक्त संगत के द्वारा वितरण किया गया।

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