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स्वदेशी से समृद्धि की ओर : बस्तर में सम्पन्न हुआ स्वावलंबन का पर्व

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जगदलपुर:  आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बस्तर ने एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया। ‘स्वदेशी मेला – स्वावलंबन की ओर बढ़ता भारत’ का शुक्रवार शाम लालबाग मै...

जगदलपुर: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बस्तर ने एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया। ‘स्वदेशी मेला – स्वावलंबन की ओर बढ़ता भारत’ का शुक्रवार शाम लालबाग मैदान में भव्य समापन हुआ। पूरे दस दिनों तक चले इस मेले ने न केवल बस्तर में व्यापार और रोजगार के नए अवसर खोले, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ की भावना को जन-जन तक पहुंचाया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन के केबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि “स्वदेशी केवल एक विचार नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है। जब तक हम अपने उत्पादों और कारीगरों पर गर्व नहीं करेंगे, तब तक सशक्त भारत का सपना अधूरा रहेगा।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” के आह्वान को आज देश का हर नागरिक अपनाने लगा है। बस्तर में आयोजित यह स्वदेशी मेला इस विचार को साकार करता है।

पहली बार बस्तर में स्वदेशी का विराट उत्सव:

बस्तर की धरती ने पहली बार ऐसा भव्य आयोजन देखा, जहां समापन की रात भी देर तक जनसैलाब उमड़ता रहा। लालबाग परिसर में सजे स्टॉलों पर स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ देर रात तक बनी रही। हस्तशिल्प, बांस उत्पाद, जड़ी-बूटियां, पारंपरिक परिधान और देशी खानपान से सजे स्टॉल आत्मनिर्भर भारत की झलक पेश कर रहे थे।

मेले में देशभर के 20 से अधिक राज्यों से आए 300 से ज्यादा स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने। ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर इंडिया’ के नारे से गूंजते इस मेले ने स्वदेशी चेतना को जीवंत कर दिया।

महिला शक्ति की उल्लेखनीय भागीदारी:

मेले में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को जबरदस्त सराहना मिली। मंत्री कश्यप ने कहा कि “नारी शक्ति यदि स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएगी, तो भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने से कोई नहीं रोक सकता।”

आयोजन समिति में भी महिलाओं की सक्रिय भूमिका रही, जिसने इस आयोजन को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया।

संस्कृति और स्वदेशी की सुगंध में रचा-बसा समापन:

समापन समारोह में लोकधुनों की गूंज, पारंपरिक वेशभूषा और स्वदेशी उत्पादों की झलक ने माहौल को भावनात्मक बना दिया। मंत्री केदार कश्यप ने आयोजन समिति और सहयोगियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

भारतीय विपणन विकास केंद्र के प्रबंधक सुब्रत चाकी ने स्वागत उद्बोधन में स्वदेशी उत्पादों की महत्ता पर प्रकाश डाला, जबकि मेला संयोजक किशोर पारेख ने आयोजन की सफलता को टीम भावना का परिणाम बताया।

मेला संचालक श्याम सोमानी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस मेले ने बस्तर में न केवल व्यापार को बढ़ावा दिया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को जनभावना बना दिया।

गणमान्यजनों की उपस्थिति ने बढ़ाई शोभा:

समापन समारोह में महापौर एवं मेला सचिव संजय पाण्डे, भाजपा जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डे, स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक डॉ. राम राकेश जांगिड़, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुधा मिश्रा, सभापति खेमसिंह देवांगन, लक्ष्मण झा, देवेन्द्र देवांगन, कल्पना शर्मा, प्राची गर्ग, विनायक बेहरा, शशिनाथ पाठक सहित निगम पार्षदगण, आयोजन समिति सदस्य और शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


बस्तर में स्वदेशी का नया अध्याय:

यह मेला बस्तर में स्वदेशी चेतना का एक नया अध्याय लेकर आया है। यह आयोजन न केवल स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों के लिए अवसर बना, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त करने वाला जनआंदोलन साबित हुआ।

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