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राजा गुरु बालकदास साहेब जी के किरदार को निभाने के बाद ही आत्मविश्वास मिला ईश्वर कुमार देशलहरे के किरदार को निभाने के लिए

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मनोरंजन: हिंदी फीचर फिल्म मानव मार्केट ईश्वर कुमार देशलहरे का किरदार निभाने का आत्मविश्वास मुझे बलिदानी राजा गुरू बालकदास फिल्म में राजा गुरु बालकदास साहेब जी का किरदार निभाकर मिला। ये कहना है फिल्म मानव मार्केट के नायक ओम त्रिपाठी जी का। 


ओम त्रिपाठी ने एक अभिनेता के रूप में अपनेे काम की शुरुआत 2007 में डीडी 1 के लिए टेलीफिल्म से की। फिर लगातार इन्होने 22 टेलीफिल्म्स डीडी 1 के लिए की। जिसमें इनकी फिल्म फेरीवाला नेशनल अवार्ड के लिए नॉमिनेट भी हुई। उसके बाद लगातार इन्होने मुम्बई में काफी सारे बड़े चौनलों के लिए टी वी सिरियल्स किये। जैसे की सीआईडी, फियर फाइल्स, कोई आने को है, जैसे सीरियल में लीड रोल किया। हाल ही में इनकी छत्तीसगढ़ी फिल्म बलिदानी राजा गुरु बालकदास रिलीज हुई है जिसमें इन्होने राजा गुरु बालकदास साहेब जी का मुख्य किरदार निभाया। ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के द्वारा इस फिल्म को टैक्स फ्री भी किया गया।



इनकी आने वाली हिन्दी फीचर फिल्म है मानव मार्केट। जिसमे इनके किरदार का नाम है ईश्वर कुमार देशलहरे। ओम बताते हैं कि जब वे बलिदानी राजा गुरू बालकदास फिल्म कर रहे थे तो राजा गुरु बालकदास साहेब जी और परम पूज्य गुरू घासीदास बाबा जी पर उन्होने काफी अध्ययन किया। जिसकी वजह से फिल्म के किरदार के अलावा ओम के निजी जीवन में भी इन दो हस्तियों का बहुत सकारात्मक असर पड़ा।  ओम बताते हैं कि मानव मार्केट में एक एक्टर के तौर पर एक आम युवक का किरदार निभाना बहुत कठिन था। हालांकि इसमें हैदर सर वर्कशॉप लेकर उन्हें कॉफी हद तक किरदार के करीब ले आए। फिर फिल्म के अंदर एक बहुत बड़ी चुनौती का सामना किरदार ईश्वर कुमार देशलहरे के द्वारा स्वीकार कर उसे हल करने की ज़िम्मेदारी निभाना। इसको निभाने के लिए ओम हैदर सर के वर्कशॉप से मिले प्रशिक्षण का इस्तेमाल करते और जब किरादार को निभा रहे होते तो वो कुछ देर अकेले रहकर या कभी-कभी शूट के बाद,  गुरू घासीदास बाबा जी और राजा गुरू बालकदास साहेब जी के जीवन पर लिखी रचनाओं के अध्ययन से मिली उनकी जानकारियों को अपने अंदर आत्मसात करते और ये समझने की कोशिश करते कि किसी भी चुनौती को स्वीकार कर उनका हल करने की इन दो महान हस्तियों पारंगतता को समझते और फिर उसी तरह बहुत ही नेचुरली ईश्वर कुमार देशलहरे के किरदार को निभाते। ओम मानव मार्केट के विषय में बताते हुए कहते हैं कि ये सिर्फ कहानी नही बल्कि वो सच्चाई है, जिसका शिकार सिर्फ ग़रीब ही नही अमीर भी हुआ है। सिर्फ हमारे देश भारत में ही नही बल्कि दुनिया का हर वो देश जहां इलाज करने के लिए पैसे लिये जाते है। उस हर देश के लोगों की कहानी है ये। ओम बात करते-करते मेडिकल फील्ड के इस बाज़ारीकरण पे अग्रेसिव होते हुए कहते हैं कि इंसान की बुनियादी ज़रूरतो का धंधा हो रहा है और ज़िम्मेदार लोग चुप हैं। ओम कहते है कि हम फिल्म के माध्यम से लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ, उस विषय पे बात कर रहे हैं। जिस पे बात करके कोई ऐसा हल निकालना बहुत ज़रूरी है जिससे आम हो या ख़ास आदमी सभी को राहत मिल सके।

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