रायपुर, 9 दिसंबर 2025: प्रांतीय समाज गौरव विकास समिति, रायपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा आयोजित त्रयोदश राज्य स्तरीय सामाजिक प्रतिभा सम्मान समार...
रायपुर, 9 दिसंबर 2025: प्रांतीय समाज गौरव विकास समिति, रायपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा आयोजित त्रयोदश राज्य स्तरीय सामाजिक प्रतिभा सम्मान समारोह में इस वर्ष प्रशासनिक सेवाओं में विशिष्ट पहचान बनाने वाले श्री धनंजय राठौर को सामाजिक समरसता सम्मान से अलंकृत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा विशिष्ट अतिथि नोहर राम साहू, सेवानिवृत अपर कलेक्टर रायपुर, रहे। कार्यक्रम का सफल संयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. सुखदेव राम साहू सरस द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रतिभा की भूमि है, जहां अनेक व्यक्तित्व बिना प्रचार-प्रसार के अपने कार्यों से समाज में मिसाल स्थापित करते हैं। श्री राठौर का इतिहास, संस्कृति और साहित्य के साथ-साथ प्रशासनिक दक्षता में योगदान प्रशंसनीय है।
जनसंपर्क विभाग में संयुक्त संचालक के रूप में पदस्थ धनंजय राठौर को यह सम्मान उनकी उत्कृष्ट प्रशासनिक शैली, जनसंचार क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता, राज्य-राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियों तथा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में रिसोर्स पर्सन के रूप में दिए योगदान के लिए प्रदान किया गया।
विशिष्ट अतिथि नोहर राम साहू ने कहा कि “राठौर ने शिक्षा, संस्कृति और आदिवासी परंपराओं के संरक्षण में विशिष्ट कार्य किया है। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने में उनका योगदान अतुलनीय है।”
समिति अध्यक्ष डॉ. सरस ने बताया कि राठौर सदैव प्रतिभाशाली, साधनहीन और निर्धन वर्ग के हित में आगे बढ़कर सहयोग करने के लिए जाने जाते हैं—चाहे कन्याओं के विवाह में सहयोग हो या कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा हेतु मार्गदर्शन।
बहुआयामी शिक्षा और सुनिश्चित अध्ययन साधना
1 जुलाई 1965 को जांजगीर में जन्मे राठौर ने इतिहास, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र में एम.ए., बी.जे.एम.सी., एम.फिल., डिप्लोमा इन टूरिज्म सहित इतिहास लेखन एवं शोध संस्थान से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत वे वर्षों से प्रशिक्षण प्रदान करते आ रहे हैं। आदिवासी संस्कृति और परंपरा पर उनके कई शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।
प्रशासनिक जीवन की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ
अपने कार्यकाल में राठौर ने राज्य की छवि निर्माण में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सफलतापूर्वक निभाईं—
- दिल्ली के गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी के दल का तीन बार नेतृत्व, जिसे विजेता टीम के रूप में सम्मान मिला।
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित छह बार प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ प्रवास पर राज्य स्तरीय मीडिया प्रभारी का दायित्व।
- कबीरधाम, रायगढ़ और राजनांदगांव में पदस्थ रहते विकास पुस्तिकाओं और जिले के इतिहास पर आधारित दस्तावेजीय प्रकाशन तैयार किए।
- राज्य सूचना आयोग में 2006 से 2022 तक के महत्वपूर्ण निर्णयों के संयुक्त प्रकाशन हेतु राज्यपाल द्वारा सम्मानित।
- इतिहास और समाज विषयक 19 शोध लेखों तथा जनसूचना अधिकारियों हेतु मार्गदर्शिका का निर्माण।
ये उपलब्धियाँ राठौर की प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और जनसंचार विकास के प्रति समर्पण को रेखांकित करती हैं।
रचनात्मकता और सामाजिक संवेदनशीलता
इतिहास, संस्कृति, कला और साहित्य पर सतत लेखन करने वाले राठौर की रचनात्मकता उन्हें प्रशासनिक सेवा के साथ साहित्यिक जगत में भी प्रतिष्ठित बनाती है। समाज के कमजोर वर्गों, निर्धन कन्याओं और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की सहायता हेतु उनके प्रयास व्यापक रूप से प्रशंसित हैं। उनका विचार—“जिसके पास प्रतिभा है पर साधन नहीं, उसे समाज का सहारा अवश्य मिलना चाहिए”— उनकी मानवीय संवेदनशीलता का प्रमाण है।
सामाजिक समरसता सम्मान से अलंकृत
समारोह में राठौर को शाल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। उनके कार्यों को समाज में समानता, सौहार्द्र, एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने वाली प्रेरक भूमिका के रूप में सराहा गया।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत
धनंजय राठौर का ज्ञान, नेतृत्व क्षमता, कार्यनिष्ठा और सामाजिक सरोकार उन्हें प्रशासनिक सेवाओं के आदर्श व्यक्तित्व के रूप में स्थापित करते हैं। सामाजिक प्रतिभा सम्मान के लिए उनका चयन जनसंपर्क, संस्कृति संरक्षण और समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है।


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