रायपुर (एजेंसी) : केंद्र सरकार ने राज्य का प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) का आवंटन रद्द कर दिया है, क्योंकि इस योजना के लिए ...
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रायपुर (एजेंसी) : केंद्र सरकार ने राज्य का प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) का आवंटन रद्द कर दिया है, क्योंकि इस योजना के लिए राज्य सरकार ने अपने हिस्से की राशि नहीं दी है। इसे लेकर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर है। इस पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पहले यह योजना इंदिरा गांधी के नाम पर थी। नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जब योजना प्रधानमंत्री के नाम की है तो इसकी पूरी राशि भी केंद्र सरकार को देनी चाहिए। 60-40 का मापदंड क्यों रखा गया है।लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले एयरपोर्ट पत्रकारों से चर्चा में बघेल ने राज्य के हिस्से की राशि नहीं मिलने को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमारा 21-22 हजार करोेड़ जो सेंट्रल एक्साइज का है, वह नहीं दे रही है। बार-बार आग्रह करने के बाद भी कोयला रायल्टी का 4140 करोड़ रुपये भी नहीं दे रही है। इसके बाद हमीं पर आरोप लगाया जा रहा है। बघेल ने कहा कि हम कहां कह रहे हैं कि हम पीएम आवास नहीं बनाएंगे। हमारे पास राशि होगी तो हम उसे जमा करेंगे और गरीबों के लिए आवास बनाएंगे।
बता दें कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 17 नवंबर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा है। इसमें मंत्रालय ने बताया है कि राज्य को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित ग्रामीण क्षेत्रों में सात लाख 81 हजार 999 घरों के लक्ष्य को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है।
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा बचकाना बयान
मुख्यमंत्री बघेल के इस बयान को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने बचकाना करार दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब समान रूप से योजनाएं प्रधानमंत्री के साथ ही इंदिरा जी, राजीव जी के नाम पर चलती थीं, तब पूरा पैसा केंद्र सरकार देती थी क्या? यदि ऐसा है तो फिर पीएम आवास योजना आपने छत्तीसगढ़ में लागू क्यों की?
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