International : गर्म और शुष्क मौसम का प्रभाव कई बार हमारे शरीर को गर्मी और पानी को पसीने के माध्यम से वाष्पित करके ठंडा कर सकता है। लेकिन ज...
International : गर्म और शुष्क मौसम का प्रभाव कई बार हमारे शरीर को गर्मी और पानी को पसीने के माध्यम से वाष्पित करके ठंडा कर सकता है। लेकिन जहां गर्म रेगिस्तान गर्म महासागरों के पास होते हैं, वहां स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। नम हवा में पसीना जल्दी वाष्पित नहीं होता, जिससे शरीर को ठंडा होने में कठिनाई होती है।
मध्य पूर्व, पाकिस्तान और भारत जैसे क्षेत्रों में, गर्मियों के दौरान गर्मी की लहरें और समुद्र से आने वाली आर्द्र हवा मिलकर घातक संयोजन बना सकती हैं। इस क्षेत्र में लाखों लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकांश के पास एयर कंडीशनिंग की सुविधा नहीं है। 'वेट बल्ब थर्मामीटर' नामक उपकरण का उपयोग करके वैज्ञानिक इस जोखिम को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। यदि वेट बल्ब तापमान 95 एफ (35 सी) से अधिक हो जाता है, तो मानव शरीर पर्याप्त गर्मी बाहर नहीं निकाल पाएगा, जो घातक हो सकता है।
2023 में निचली मिसिसिपी घाटी में भीषण गर्मी की लहर के दौरान वेट बल्ब तापमान उच्च था, हालांकि घातक स्तर तक नहीं पहुंचा। दिल्ली, भारत में मई 2024 में, वेट बल्ब तापमान खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गया, जिससे संदिग्ध हीटस्ट्रोक से कई लोगों की मौत हो गई।
• जलवायु परिवर्तन का असर
कार्बन जलाने से बनने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस वायुमंडल में जमा होकर पृथ्वी की सतह के पास गर्मी को रोकती है, जिसे 'जलवायु परिवर्तन' कहा जाता है। हर बार जब कोयला, तेल या गैस जलाया जाता है, तापमान में थोड़ा और इजाफा होता है, जिससे खतरनाक रूप से गर्म और आर्द्र मौसम अधिक स्थानों पर फैलने लगता है।
लुइसियाना और टेक्सास जैसे अमेरिकी खाड़ी तट के क्षेत्रों में गर्मियों में खतरनाक गर्म और आर्द्र स्थितियों का खतरा बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन न केवल गर्म, पसीने वाले मौसम की समस्या उत्पन्न करता है, बल्कि इससे फसलों, जंगलों और परिदृश्य को सूखा और जंगल की आग के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। इसके अलावा, समुद्र के बढ़ते स्तर से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है, जिससे 2100 तक 2 अरब लोगों के विस्थापित होने का खतरा है।
• समाधान की दिशा में कदम
बुरी खबर यह है कि जब तक हम कार्बन जलाते रहेंगे, यह और अधिक गर्म होता रहेगा। अच्छी खबर यह है कि हम कार्बन जलाने के बजाय सौर और पवन ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। पिछले 15 वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा को विश्वसनीय और किफायती बनाने में जबरदस्त प्रगति हुई है, और लगभग हर देश अब जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सहमत हो गया है।
स्वच्छ ऊर्जा पर स्विच करके हम अपनी दुनिया को रहने लायक बना सकते हैं, जैसे हमारे पूर्वजों ने आउटहाउस से इनडोर प्लंबिंग पर स्विच करके बेहतर जीवन का निर्माण किया था।
जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने से हम भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।
No comments