जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों की फीस निर्धारण को लेकर चल रहे विवाद पर अब न्यायालय की मुहर लग गई है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने हाल ही में ए...
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों की फीस निर्धारण को लेकर चल रहे विवाद पर अब न्यायालय की मुहर लग गई है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए निजी स्कूलों की याचिका को खारिज कर फीस निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को सौंप दिया है। इस निर्णय का जन अधिकार सामाजिक कल्याण संघ छत्तीसगढ़ ने जोरदार स्वागत किया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्रिका सिंह ने कहा कि यह फैसला आम अभिभावकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। उन्होंने बताया कि संघ ने पूर्व में ही प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से इस विषय को शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाया था और निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली का विरोध किया था।
बस्तर संभाग के संभागीय अध्यक्ष श्री शंकर लाल श्रीवास्तव एवं जिला अध्यक्ष श्री कुलदीप किशोर भटनागर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि प्रदेश प्रभारी श्री कर्मवीर सिंह जादौन, उपाध्यक्ष श्री शेख अनवर हुसैन, महासचिव श्री विपिन कुमार तिवारी, एवं अन्य पदाधिकारियों सहित समस्त संघ ने हाईकोर्ट के इस निर्णय का आत्मीय स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द इस निर्णय के अनुरूप ठोस कार्रवाई करे।
संघ ने यह भी मांग की है कि राज्य सरकार निजी स्कूलों की फीस को लेकर स्पष्ट व पारदर्शी नीति बनाए और अभिभावकों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम किया जाए। इसके लिए फीस संरचना का नियमितीकरण जरूरी है।
संघ की महिला प्रकोष्ठ सचिव श्रीमती अर्चना सिन्हा, संयुक्त सचिव श्रीमती राधा बघेल, जिला सचिव श्री रमेश गोयल, महासचिव श्री चंद्रिका प्रसाद देवांगन सहित सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि जन अधिकार सामाजिक कल्याण संघ छत्तीसगढ़ हमेशा जनता से जुड़े मुद्दों को शासन-प्रशासन के समक्ष उठाता रहेगा।
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