जगदलपुर: केवल एक संख्या है यह साबित किया है जगदलपुर के 62 वर्षीय पर्वतारोही किशोर पारख ने। उन्होंने “पहाड़ी एडवेंचर” द्वारा आयोजित ट्रेकिंग...
जगदलपुर: केवल एक संख्या है यह साबित किया है जगदलपुर के 62 वर्षीय पर्वतारोही किशोर पारख ने। उन्होंने “पहाड़ी एडवेंचर” द्वारा आयोजित ट्रेकिंग अभियान में भाग लेकर 8 अगस्त को 12,100 फीट ऊँचाई स्थित फूलों की घाटी और 9 अगस्त को 15,200 फीट पर स्थित हेमकुण्ड साहिब तक सफल चढ़ाई पूरी की।
यह अभियान 5 से 12 अगस्त के बीच चला, जिसमें 16 सदस्य शामिल थे। देहरादून से शुरू हुई यात्रा में गंगा नदी में बाढ़ और ऑरेंज अलर्ट के बावजूद दल ने वैकल्पिक मार्ग अपनाया और टिहरी गढ़वाल बांध होते हुए गोविंदघाट पहुँचा। कठिन परिस्थितियों के बीच 10 किमी की ट्रेकिंग कर दल ने घांघरिया बेस कैंप (10,003 फीट) पर डेरा डाला।
8 अगस्त को दल ने 6.5 किमी की खड़ी चढ़ाई कर फूलों की घाटी पहुँचा, जो यूनेस्को हेरिटेज स्थल है और अगस्त में रंग-बिरंगे फूलों की चादर से ढकी रहती है। अगले दिन 9 अगस्त को 6 किमी की ऊँचाई भरी राह पार कर सभी सदस्य हेमकुण्ड साहिब पहुँचे, जहाँ उन्होंने गुरुद्वारे में अरदास में भाग लिया। इस दौरान पहाड़ों पर खिले हजारों ब्रह्मकमल और साफ मौसम ने ट्रेक को अविस्मरणीय बना दिया।
चार दिनों में 45 किमी से अधिक की ट्रेकिंग पूरी करते हुए दल ने मौसम की मार, भूस्खलन और पत्थरों के गिरने जैसी चुनौतियों का सामना किया। वापसी में बदरीनाथ और भारत-चीन सीमा के पास स्थित अंतिम भारतीय गाँव माना का भी दौरा किया गया।
किशोर पारख का कहना है कि “दृढ़ संकल्प और जुनून के सामने उम्र की कोई सीमा नहीं होती।” इस उम्र में उनका साहस और ऊर्जा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह साबित करता है कि सही इच्छाशक्ति से हर चुनौती पर विजय पाई जा सकती है।
अभियान में गौरव रावत और टाइगर सोलंकी का विशेष सहयोग रहा।
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