जगदलपुर: देशभर में कुत्तों के काटने और रेबीज जैसी गंभीर बीमारी के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के फैसले का जगदलपुर महा...
जगदलपुर: देशभर में कुत्तों के काटने और रेबीज जैसी गंभीर बीमारी के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के फैसले का जगदलपुर महापौर संजय पाण्डे ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट की यह पहल समय की मांग है, क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों पर डॉग बाइट के मामले सबसे ज्यादा असर डाल रहे हैं।
महापौर पाण्डे ने बताया कि पूर्व आदेशों के कारण नगर निगम केवल टीकाकरण और नसबंदी तक ही सीमित थे, जबकि स्ट्रीट डॉग्स को मारना या दूर छोड़ना कानूनन प्रतिबंधित है। अब सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से समस्या के स्थायी समाधान की उम्मीद जगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले चरण में एनसीआर क्षेत्र के 5,000 से अधिक आवारा कुत्तों को शेल्टर हाउस में भेजने का निर्देश दिया है। पाण्डे ने आग्रह किया कि यह दिशा-निर्देश केवल एनसीआर तक सीमित न रहकर देश के सभी शहरों, विशेषकर मंझौले और छोटे नगर निगमों में भी लागू हों। उन्होंने कहा कि वे अधिवक्ताओं से चर्चा कर राज्य शासन के माध्यम से जगदलपुर की स्थिति को भी सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाने का प्रयास करेंगे।
महापौर के अनुसार, जगदलपुर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कई वार्डों में रोजाना डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और राहगीर दहशत में हैं। नगर निगम शेल्टर हाउस और अन्य आवश्यक कदम उठाने को तैयार है, बस न्यायालय की अनुमति और स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है।
पाण्डे ने उम्मीद जताई कि नए निर्देशों के बाद शहर में स्ट्रीट डॉग्स की समस्या के स्थायी समाधान का रास्ता साफ होगा।
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