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प्रेम सदन और जिला शतरंज संघ बस्तर ने किया ‘माटी’ का सम्मान

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बस्तर की माटी, बस्तर के कलाकारों और बस्तर की आत्मा को समर्पित छत्तीसगढ़ी फिल्म को मिला सम्मान जगदलपुर: बस्तर की सुंदर वादियों में फिल्माई गई...

बस्तर की माटी, बस्तर के कलाकारों और बस्तर की आत्मा को समर्पित छत्तीसगढ़ी फिल्म को मिला सम्मान

जगदलपुर:

बस्तर की सुंदर वादियों में फिल्माई गई बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘माटी’ के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों का सम्मान जगदलपुर में किया गया। यह सम्मान समारोह जिला शतरंज संघ बस्तर एवं प्रेम सदन साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था जगदलपुर, साहित्य साधना शक्ति और हिंदी साहित्य भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।


कार्यक्रम का उद्देश्य बस्तर की धरती पर बनी इस फिल्म की टीम का प्रोत्साहन एवं सम्मान करना था, जिसने स्थानीय कलाकारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को एक साथ लेकर बस्तर की संवेदनाओं को पर्दे पर उतारा है।

फिल्म ‘माटी’: बस्तर की आत्मा की पुकार:

फिल्म के निर्माता संपत झा और निर्देशक अविनाश प्रसाद ने बताया कि ‘माटी’ केवल एक प्रेमकथा नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा और संवेदना की गूंज है।

फिल्म में बस्तर की वास्तविक परिस्थितियों, संघर्षों और मानवीय कहानियों को बड़ी ही संवेदनशीलता से दिखाया गया है। इसमें 30 से अधिक आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी अभिनय किया है, जो अब मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।


निर्माता संपत झा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा,:

जब हमने कैमरा बस्तर की घाटियों की ओर मोड़ा, तो वहाँ केवल दृश्य नहीं, आत्मा की गहराई तक उतरने वाला अनुभव मिला। ‘माटी’ उन्हीं अनकहे अहसासों की कहानी है।

फिल्म में प्रमुख भूमिकाएँ महेन्द्र ठाकुर, भूमिका साहा, निर्मल सिंह राजपूत, श्रीधर राव, भूमिका निषाद, राजेश महंती, नीलिमा मानिकपुरी, मनोज पाण्डेय, फातिमा राजपूत, पवन राजपूत, डॉ. पूर्णिमा सरोज और आशुतोष तिव

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