जगदलपुर: शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तहत चलाए जा रहे सुरक्षित पारा सुरक्षित ल...
जगदलपुर: शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तहत चलाए जा रहे सुरक्षित पारा सुरक्षित लइकामन कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरण की उल्लेखनीय पहल की जा रही है। राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. नीता बाजपेई के दिशा-निर्देश तथा बस्तर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में यह अभियान प्रदेशभर में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर रहा है।
आज बस्तर जिले की चयनित ग्राम पंचायतों डिमरापाल, बड़े मोरेंगा, केसलूर तथा तोकापाल जनपद क्षेत्र के स्कूलों व मोहल्लों में एनएसएस टीम ने रैली, नुक्कड़ नाटक और घर-घर संपर्क के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियाँ लोगों तक पहुंचाईं।
कार्यक्रम का नेतृत्व एनएसएस संभागीय समन्वयक डॉ. संजीवन कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता, किशोर स्वास्थ्य, लैंगिक आधारित हिंसा, सुरक्षित आहार, मानसिक स्वास्थ्य और किशोरावस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर आमजन को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि "बदलती दुनिया में स्वस्थ विकास, जीवनशैली में सुधार, लैंगिक हिंसा की पहचान और कानूनी सहायता जैसे विषयों पर लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।
अभियान में निम्न महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष रूप से संवाद किया गया
स्वच्छता का महत्व
जन्म से किशोरावस्था तक स्वस्थ आहार
लैंगिक आधारित हिंसा एवं उससे जुड़े कानूनी प्रावधान
किशोर मानसिक स्वास्थ्य एवं सहायता
राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों की भूमिका
आवश्यक हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी
ग्रामीण विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, चौक-चौराहों और मोहल्लों में आयोजित इन कार्यक्रमों में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और छात्रों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक व संवादों से महत्वपूर्ण संदेश प्राप्त किए।
इस जन-जागरूकता अभियान में डॉ. संजीवन कुमार के साथ बस्तर विश्वविद्यालय के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. भुनेश्वर साहू, दंतेश्वरी महिला महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी प्रिंसी दूग्गा, अतिथि व्याख्याता संजय कुमार तथा स्वयंसेवक भुवनेश्वर कश्यप, सपना मोंगरे, सुमित्रा बघेल, डिंपल नेताम, काजल नरेटी, तनिषा यादव, अंकिता बघेल, सरिता मौर्य सहित अनेक छात्र-छात्राएँ सक्रिय रूप से शामिल रहे।
ग्रामीण स्तर पर जागरूकता की यह अनूठी पहल न केवल सामाजिक विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि युवाओं की सहभागिता से समाज में सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद भी मजबूत हुई है।


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