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बाढ़ से तबाह मांदर की महिलाएं कर्ज़ के बोझ तले, राहत के इंतजार में भटक रहीं स्वसहायता समूह की सदस्याएं एडिशनल कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, बैंक से अब तक नहीं मिली कोई रियायत

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जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा):     जनपद पंचायत लोहंडीगुड़ा के ग्राम पंचायत मांदर की महिला स्वसहायता समूह इन दिनों बाढ़ और कर्ज़ के दोहरे संकट स...

जगदलपुर (विमलेंदु शेखर झा):    जनपद पंचायत लोहंडीगुड़ा के ग्राम पंचायत मांदर की महिला स्वसहायता समूह इन दिनों बाढ़ और कर्ज़ के दोहरे संकट से गुजर रही हैं। फसलों और घरों को भारी नुकसान झेल चुकी इन महिलाओं ने अब जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। गुरुवार को उन्होंने एडिशनल कलेक्टर सी.पी. बघेल से मुलाकात कर बाढ़ प्रभावित परिवारों के ऋण की किश्तें स्थगित करने और राहत राशि उपलब्ध कराने की मांग की।


महिलाओं ने बताया कि इस साल आई भीषण बाढ़ ने पूरे गांव की फसलों और घरों को तबाह कर दिया, जिससे उनकी आजीविका पूरी तरह से ठप हो गई है। ऐसे में अब वे बैंक से लिए गए ऋण की किश्तें चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।

पांच समूह, लाखों रुपये का बकाया:

मांदर ग्राम के कुल पांच महिला स्वसहायता समूहों पर लाखों रुपये का बकाया है 


समूह का नाम कुल ऋण राशि बकाया राशि क्षेत्र

मां दंतेश्वरी महिला स्वसहायता समूह ₹5,00,000 ₹1,88,000 चिखलापारा

माहेश्वरी महिला स्वसहायता समूह ₹3,00,000 ₹1,95,000 सौकारपारा

मधुर महिला स्वसहायता समूह ₹5,00,000 ₹4,07,000  चिखलापारा

बम्लेश्वरी महिला स्वसहायता समूह ₹1,00,000 ₹24,000          कोतवालपारा

मां दंतेश्वरी महिला स्वसहायता समूह ₹5,00,000 ₹2,50,000 (लगभग) कोतवालपारा

महिलाओं का कहना है कि चिखलापारा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जहाँ कई घरों की दीवारें गिर गईं और फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गईं।


घर उजड़ गए, फसलें चली गईं, अब कर्ज़ कैसे चुकाएँ?:

ग्राम की महिलाओं ने बताया कि चांद महिला स्वसहायता समूह, जो बैंक से संबद्ध है, लगातार ऋण अदायगी का दबाव बना रहा है। बावजूद इसके बैंक की ओर से अब तक किसी प्रकार की रियायत या स्थगन का निर्णय नहीं लिया गया है।

एक महिला सदस्य ने कहा 

हमने मेहनत से समूह बनाकर लोन लिया था ताकि घर का खर्च चला सकें, पर बाढ़ ने सब कुछ डुबा दिया। अब न खेती बची, न आय का कोई जरिया। बैंक से रियायत न मिले तो कर्ज़ का बोझ और बढ़ जाएगा।


एडिशनल कलेक्टर बोले बैंक से चर्चा कर राहत दिलाने का निर्देश

महिलाओं की समस्या पर एडिशनल कलेक्टर सी.पी. बघेल ने बताया 

मांदर गांव की महिलाओं के पांच समूहों ने ऋण माफी और राहत की मांग रखी है। जिला प्रशासन सीधे लोन माफ नहीं कर सकता, पर एसडीएम लोहंडीगुड़ा को निर्देशित किया गया है कि वे महिलाओं को साथ लेकर बैंक में चर्चा करें और किश्तों की अवधि बढ़ाने का प्रयास करें।

उन्होंने यह भी कहा 

महिलाओं ने बताया कि बाढ़ राहत के तहत उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। इस पर तहसीलदार लोहंडीगुड़ा को जांच के निर्देश दिए गए हैं कि किन प्रभावित परिवारों को सहायता नहीं मिली और क्यों नहीं मिली। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अब भी बाकी है राहत की उम्मीद:

प्रशासन के निर्देश के बावजूद बैंक की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। महिलाएं कहती हैं कि न रियायत मिली, न राहत राशि।

उनका कहना है कि यदि जल्द राहत नहीं मिली तो समूह पूरी तरह कर्ज़ के बोझ में दब जाएंगे और उनका आत्मनिर्भर बनने का सपना अधूरा रह जाएगा।


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