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बस्तर की पूर्णिमा सरोज को पीएच.डी. उपाधि, जल गुणवत्ता पर शोध को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता

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जगदलपुर:   शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बस्तर ने एक बार फिर गौरव हासिल किया है। बस्तर जिले की प्रख्यात शिक्षाविद् पूर्णिमा सरोज को रसायन शास...

जगदलपुर:  शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बस्तर ने एक बार फिर गौरव हासिल किया है। बस्तर जिले की प्रख्यात शिक्षाविद् पूर्णिमा सरोज को रसायन शास्त्र विषय में उनके उत्कृष्ट शोध कार्य हेतु डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Ph.D.) की उपाधि प्रदान की गई है। यह उपाधि उन्हें भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा प्रदान की गई।


पूर्णिमा सरोज ने "Analysis of Groundwater in Different Areas of Jagdalpur, Bastar District, Chhattisgarh, India" विषय पर शोध करते हुए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जल गुणवत्ता सूचकांक (Water Quality Index) का गहन अध्ययन किया। उनके शोध में जल प्रदूषण के कारणों की पहचान और उनके समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया। इस दौरान उन्होंने एक ऑटोमैटिक बायोकेमिकल एनालाइजर भी डिजाइन किया, जिसके लिए उन्हें एसोसिएट डॉ. प्रतिभा एस. कुरूप के साथ पेटेंट स्वीकृत हुआ।


भारती विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त करने वाली वे पहली शोधार्थी बनी हैं। उनके शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया है।

उनके इस योगदान को देखते हुए उन्हें शासकीय ऑटोनॉमस पी.जी. कॉलेज, राजनांदगांव में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दौरान “डॉ. हेमलता मोहोबे वूमेन साइंटिस्ट अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व भी उन्हें राज्यपाल शिक्षक सम्मान (2022) से नवाजा जा चुका है।


वर्तमान में पूर्णिमा सरोज शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, धनपुंजी (विकासखंड-जगदलपुर) में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। शिक्षा के साथ-साथ उन्हें साहित्य और लोकसंस्कृति में भी विशेष रुचि है।

उनकी इस उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी, नगर के वरिष्ठ शिक्षकों, साहित्यकारों, सहकर्मियों, परिवार और मित्रों ने हर्ष व्यक्त करते हुए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

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